Wednesday, 19 August 2015

आखिर क्यों है जरुरी है GST बिल  ?

GST बिल क्या है ?  जानिए... आजकल एक शब्द कानों में खूब गूँज रहा है ... GST बिल, आखिर क्यों कांग्रेस इसे पास नही होने देना चाहती ? क्यों इतना हंगामा मचाये हुए है...
GST बिल अर्थव्यवस्था की दिशा में क्रन्तिकारी कदम है । GST अथार्त् गुड्स एन्ड सर्विसेस टैक्स।  यह टैक्स अप्रैल 2016 से लागू होना है। मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स को 1947 के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म है। कई अर्थशास्त्रियों ने इसके लागू होने के बाद GDP ग्रोथ एक साल में 2-3% बढ़ने की पूरी पूरी आशा व्यक्त की है... 
आखिर इसकी आवश्यकता क्यों है ?
अभी तक राज्यों में अलग-अलग स्थानीय टैक्स लगाया जाता है जैसे कार और पेट्रोल का मूल्य हर राज्य में अलग-अलग होता है। कई सामानों की कीमत विभिन्न राज्यों में अलग अलग होती है। परंतु जीएसटी लागू होने के बाद ऐसा नहीं होगा। प्रत्येक उत्पाद पर लगने वाले टैक्स में केंद्र और राज्यों को बराबर भाग मिलेगा। इससे पूरे देश में एक प्रोडक्ट लगभग एक जैसी ही कीमत पर मिलेगा और पहले से सस्ता मिलेगा ... जैसे दिल्ली से निकटवर्ती नोएडा, गुड़गांव वाले, जो कभी गाड़ी यूपी से लेते हैं, कभी हरियाणा तो कभी दिल्ली से, जहाँ भी सस्ती मिल जाए वो सब चक्कर ही खत्म हो जाएगा। जीएसटी लागू होने पर कंपनियों का झंझट और खर्च भी कम होगा। व्यापारियों को सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। अलग-अलग टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा तो उत्पाद का लागत मूल्य कम होगा। जीएसटी लागू होने पर सबसे अधिक लाभ आम जनता को है क्योंकि तब चीजें पूरे देश में एक ही रेट पर मिलेंगी, चाहे वो किसी भी राज्य से खरीदी जाये। हाँ कुछ मदिरा भक्त और तम्बाकू सेवन वालों के लिए जरूर इससे कुछ लाभ नही होगा क्योंकि इन दोनों नशीले पदार्थो को इस श्रेणी में सम्मिलित नही किया गया है।


अब समझिये ये होगा कैसे ??
अलग-अलग अनेकों टैक्स खत्म कर उनकी स्थान पर एक ही टैक्स प्रणाली लागू करने के लिए GST प्रारूप बनाया गया है। जीएसटी लागू होते ही सेंट्रल सेल्स टैक्स, एक्साइज़, लग्जरी टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स, चुंगी, वैट जैसे सभी कर समाप्त हो जाएंगे। इससे पूरे देश में एक उत्पाद लगभग एक जैसी ही कीमत पर मिलेगा। हमलोग अभी तक कोई भी सामान खरीदते समय उस पर 30-35% टैक्स के रूप में चुकाते हैं। जीएसटी लागू होने के बाद ये टैक्स घटकर 20% तक आ जायेंगे। अभी आप लोगों ने सुना होगा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में वैट बढ़ाया जिससे सभी सामान महंगा हो गया परंतु इस बिल के पास होने के राज्य सरकारों द्वारा ऐसा कर पाना संभव नही होगा। 

कई राज्य 27% से अधिक जीएसटी चाहते हैं। लेकिन केंद्र का कहना है कि 20% से अधिक दर तय की गई तो उत्पाद और सेवायें महंगी हो जाएंगी। अब केंद्र के मनाने पर 20% तक के लिए सभी राज्य राजी हो गए हैं। जैसे यदि जीएसटी 20% तय होता है तो केंद्र और राज्य को Tax Revanue का 10-10% हिस्सा मिलेगा और बाकी के टैक्स से मुक्ति...
कई राज्यों का एक-तिहाई टैक्स प्राप्ति केवल पेट्रोल-डीजल से होती है। इसलिए वे पैट्रो उत्पाद को जीएसटी के अंतर्गत नहीं रखना चाहते। परंतु मोदी सरकार ने GST के अंतर्गत टैक्स प्राप्ति में हानि होने वाले राज्यों को केंद्र की ओर से पाँच वर्ष तक, पहले वर्ष में 100%, दूसरे वर्ष में 75% और तीसरे से पांचवें वर्ष तक 50% की क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया है। तमिलनाडु और एक दो राज्यों को छोड़कर शेष सभी राज्यों से सहमति भी हो गई है ...
अब सभी लोगों को वास्तविकता बताने की आवश्यकता आ गई है कि यह बिल कितना महत्वपूर्ण है.....
जीएसटी की कितनी होगी कुल दर?
इस पर अभी आम सहमति नहीं बन पाई है। राज्य 27% से ज्यादा जीएसटी चाहते हैं। लेकिन केंद्र का कहना है कि इससे ज्यादा दर तय की गई तो प्रोडक्ट्स और सर्विसेस महंगी हो जाएंगी।
कैसे काम करेगा जीएसटी?
गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स अप्रैल 2016 से लागू होना है। अभी राज्यों में अलग-अलग लोकल टैक्स लगाया जाता है। मसलन, कार
और  पेट्रोल की कीमत हर राज्य में अलग-अलग होती है। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद ऐसा नहीं होगा। हर प्रोडक्ट पर लगने वाले टैक्स में बराबर हिस्सा केंद्र और राज्यों को मिलेगा। यदि जीएसटी 16% तय होता है तो केंद्र और राज्य को टैक्स रेवेन्यू का 8-8% हिस्सा मिलेगा।
राज्यों को क्या है आपत्ति?
कुछ राज्यों को आशंका है कि जीएसटी लागू होने के बाद उनके टैक्स रेवेन्यू में कमी आ जाएगी। कई राज्यों का एक तिहाई टैक्स रेवेन्यू सिर्फ पेट्रोल-डीजल से आता है। लिहाजा, वे इसे जीएसटी के दायरे में नहीं रखना चाहते। पिछले संसद सत्र से पहले यह सहमति बनी थी कि पेट्रोल को शुरुआती दो साल तक जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा।
केंद्र ने क्या सुझाए हैं विकल्प?
जीएसटी के तहत 5 साल तक केंद्र की तरफ से उन राज्यों को राहत पैकेज देने का प्रावधान है जिन्हें टैक्स रेवेन्यू में नुकसान हो सकता है। पहले साल में 100%, दूसरे साल में 75% और तीसरे से पांचवें साल तक 50% की क्षतिपूर्ति मिलेगी।
कैसे लागू होना है जीएसटी?
जीएसटी कानून बनाने के लिए संवैधानिक संशोधन की जरूरत है ताकि केंद्र और राज्य मिलकर समान टैक्स की दर तय कर सकें। संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित करने के लिए संसद के दो तिहाई सदस्यों की मंजूरी जरूरी है। इसके बाद कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओं को भी इस बिल को मंजूरी देनी होगी। तब जाकर जीएसटी लागू हो सकेगा। तमिलनाडु सरकार को यह बिल मंजूर नहीं है। जबकि हरियाणा सरकार 5 साल के बजाय 10 साल तक केंद्र की आर्थिक मदद चाहती है।

साभार अंतर्जाल

एडमिन 

Tuesday, 28 July 2015

करोड़ों युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत मिसाईल मैन व पूर्व राष्ट्रपति “डा० एपीजे अब्दुल कलाम” को अश्रुपूर्ण श्रधान्जली

     ।। “डा० एपीजे अब्दुल कलाम” 83 वर्ष जीवन यात्रा के 15-10-1931 से 27-07-2015 ।।

एक बार फिर से 27 / 7 तारीख और महीने का संयोग भारत के लिए दुःख के बादल लेकर आया जैसे ही कार्यालय पहुंचा तो अंतर्जाल के माद्यम से पंजाब के गुरदासपुर दीनानगर पुलिस थाणे में आतंकवादियों के हमले की जानकारी मिली  इसके पश्चात फिर मीडिया और सोशियल मीडिया पर तो पल पल की ख़बरों के अपडेट की बाढ़ सी आ गई  लोग व्हाट्सप और फेसबुक पर भीषण हादसे की दरदनाक लाईव तस्वीरें अपलोड कर हादसे में मरने वालों की
दिवंगत आत्मा की शांति प्रार्थना के साथ साथ पंजाब पुलिस के शहीद जवानो को श्रधान्जली अर्पित करते दिखे
जहाँ पूरा दिन भारतीय सेना के लिए लिए संघर्ष भरा बीता वहीँ गुरदासपुर-दीनानगर, पठानकोट समेत सभी हाई अलर्ट स्थानों पर स्थानीय लोगों में एक चिंता भरा रहा होगा  दिन बीतने के पश्चात शाम ढलते हुए सेना और पंजाब पुलिस के सफल आपरेशन होने की राहत भरी सूचना मिली तो एक तरफ जहाँ आतंकवादियों को मार गिराने की ख़ुशी थी तो दूसरी और आँखों में अपने देश के पुलिस अधीक्षक और जवानो के साथ साथ बेक़सूर मासूमो को खोने का गम भी इस हादसे से तमाम देश वासी शायद ही अभी उभरने की सोच ही रहे होंगे की कुदरत का एक और तूफानी कहर भारत माँ के मिसाईल मैन “डा० एपीजे अब्दुल कलाम” की दुखद मृत्यु की खबर लेकर आया  टीवी चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज चल रही थी की डा० कलाम साहब अब नहीं रहे उस समय मेरे समेत बहुत से ऐसे भारतीय भाई रहे होंगे जिन्हें अपने पाँव तले जमीन खिसकती लगी हो  और मन से उस समय एक ही ख्याल शब्द बनकर जुबान पर आया भगवान् कलाम साहब की पवित्र आत्मा को शान्ति प्रदान करें  विस्तार से जब ख़बरें सुनने के पश्चात पता चला की वो शिलोंग के एक इन्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मनेजमेंट में एक लेक्चर देनें पहुंचे थे मगर बीच लेक्चर में ही वो बेहोश होकर गिर पड़े उन्हें वहां अस्पताल ले जाया गया और डाक्टरों की टीम ने करीब पौने घंटे की मशक्कत की मगर वो माँ भारती के इस महान विज्ञानिक को बचा नहीं पाए  जो भी हो मगर मौजूदा स्थिति में “डा० एपीजे अब्दुल कलाम”  साहब की भरपाई सदियों तक पूरी होती दिखाई नहीं दे रही, क्यूंकि उनका व्यक्तितव सरल स्वभाव और राष्ट्र प्रेम अतुलनीय था
कोई उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जानता है तो कोई पूर्व राष्ट्रपति, परन्तु सबसे अधिक लोग उन्हें उनके सीधे साधे चरित्र, असाधारण लगन और कर्म के प्रति समर्पण के लिए जानते हैं
वो ईमानदार लोगो के आदर्श बने और युवाओं की प्रेरणा !
हमारे आदर्श क्या हैं, हम क्या चाहते हैं, जीवन लक्ष्य क्या हैं? ये इस बात से तय नही होते कि आप क्या कर रहे हैं, बल्कि इससे तय होता है कि आप क्या कर सकते है  सपने देखना बुरा नही है और खास कर अगर वो सपने आपके जीवन लक्ष्य हो तब मगर ऐसे सपने सिर्फ सोने पे ही आते हैं और जागने पे खत्म हो जाते हैं
कलाम साहब का जीवन भी एक सपना है  एक ऐसे इंसान का, जिसने भरोसा किया खुद पर, अपने देश पर, अपनी टीम पर, अपनी सामर्थ्य पर  सपना,  देश को महाशक्ति बनाने का, आत्मनिर्भर बनाने का, विकसित बनाने का  ये हमें भरोसा देता है खुद पर विश्वास करने का करने का
कलाम साहब के कुछ शब्द जो हमें हमेशा प्रेरणा मार्गदर्शन देते रहेंगे :-
1. सपने सच हों इसके लिए पहले सपने देखना जरूरी है
2. अलग ढंग से सोचने का साहस करो, आविष्कार का साहस करो, अज्ञात पथ पर चलने का साहस करो, असंभव को खोजने का साहस करो और समस्याओं को जीतो और सफल बनो. ये वो महान गुण हैं जिनकी दिशा में तुम अवश्य काम करो
3. जब हम बाधाओं का सामना करते हैं तो हम पाते हैं कि हमारे भीतर साहस और लचीलापन मौजूद है जिसकी हमें स्वयं जानकारी नहीं थी. और यह तभी सामने आता है जब हम असफल होते हैं. जरूरत हैं कि हम इन्हें तलाशें और जीवन में सफल बनें
4. अगर एक देश को भ्रष्टाचार मुक्त होना है तो मैं यह महसूस करता हूं कि हमारे समाज में तीन ऐसे लोग हैं जो ऐसा कर सकते हैं. ये हैं पिता, माता और शिक्षक
5.  हम अपना आज कुर्बान करते हैं जिससे हमारे बच्चों को बेहतर कल मिले
  । ।  अंत में करोड़ों युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत मिसाईल मैन  “डा० एपीजे अब्दुल कलाम” को सामाजिक मंच   

                 “दून जनहित मोर्चा” की और से अश्रुपूरक श्रधान्जली ।।

Monday, 27 July 2015

एकता में ही बल है (संघे शक्ति कलो युगे ) चरितार्थ करती पंक्तियाँ

“कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता,
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो ।।

( शिकायत पत्र )
गौरतलब है की हाल ही में स्थानीय निवासियों समेत दैनिक हिंदी समाचार पत्र “हिमाचल दस्तक” ने बीबीएन क्षेत्र में फल फूल रहे अवैध खनन के गौरख धंधे को लेकर पर्दाफाश किया था, और उस मामले को हमारी दून जनहित मोर्चा की टीम ने प्रमुखता से हाथों हाथ लेते हुए इस गंभीर मुद्दे पर चिन्तन करते हुए माननीय डिप्टी कम्निशनर सोलन (DC-SOLAN) को ई-समाधान के माध्यम से तथा उनके आधिकारिक मेल आई डी पर तथा साथ में आदरणीय SDM नालागढ़ , आदरणीय एस पी बद्दी के मेल आई डी पर तथा पोलिस थाना बरोटीवाला में ओनलाईन शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसका परिणाम ये हुआ की दो दिन के अंदर अंदर एस पी महोदय ने खनन अधिकारी से क्षेत्र में चल रहे स्टोन क्रशरों के लाईसेंस सम्बन्धी सूचना प्राप्त कर बीबीएन में चल रहे स्टोन क्रशरों के बारे में सूचना जारी करते हुए लिखा है की किसी भी स्टोन क्रशर के पास अब लाईसेंस नहीं है यानि सीधा सा मतलब है की सभी स्टोन क्रशर बिना लाइसेंस के चल रहे हैं और गैरकानूनी काम कर रहे हैं और एस पी बद्दी ने अपने सभी थानों के अधिकारियों को आदेश जारी किया की सभी स्टोन क्रशरों की चेकिंग की जाए और उनके खिलाफ FIR दर्ज करके मुकद्दमा चलाया जाए

दोस्तों आप हमारे नीचे लिखे शिकायत पत्र में देख सकते हैं की हमारी भी प्रशाशन से यही मांग थी , की खनन करते हुए वाहनों के चलान कर देने से ये समस्या रुकने वाली नहीं , अगर खनन करने वाला चोरी कर रहा है तो वो आगे जाकर चोरी का माल जिसे भी बेचता है वो खरीदने वाला भी तो चोर ही हुआ न ? इसलिए हमने मांग की स्टोन क्रशर मालिक भी चोर है अत: उसके खिलाफ भी FIR दर्ज करके मुकद्दमा चलाया जाए ।अंततः वही होने जा रहा है ।
(पुलिस प्रशाशन द्वारा निर्देश की कोपी) 

अत: आप सभी बधाई के पात्र हो की आपकी मांग को स्वीकारते हुए प्रशासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है

सादर एडमिन
दून जनहित मोर्चा
बीबीएन को समस्या मुक्त करने का एक प्रयास

(अब जागो –सब जागो )

Wednesday, 22 July 2015

जानिये क्या है जनहित याचिका यानी पी. आई. एल. (P.I.L)

जनहित याचिका / Public Interest Litigation

जनहित याचिका/Public Interest Litigation (जिसे संक्षेप में PIL/पीआईएल कहते है)  वह याचिका है, जो कि जन (लोगों) के सामूहिक हितों के लिए न्यायालय में दायर की जाती है। कोई भी व्यक्ति जन हित में या फिर सार्वजनिक महत्व के किसी मामले के विरूद्ध, जिसमें किसी वर्ग या समुदाय के हित या उनके मौलिक अधिकार प्रभावित हुए हों, जन हित याचिका के जरिए न्यायालय की शरण ले सकता है।

जनहित याचिका किस न्यायालय के समक्ष दायर की जा सकती है। जनहित याचिका निम्नलिखित न्यायालयों के समक्ष दायर की जा सकती है:-
1.            भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के अन्तर्गत उच्चतम न्यायालय के समक्ष।
2.            भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के अन्तर्गत उच्चन्यायालय के समक्ष।
जनहित याचिका कब दायर की जा सकती है
जनहित याचिका दायर करने के लिए यह जरूरी है, कि लोगों के सामूहिक हितों जैसे सरकार के कोई फैसले या योजना, जिसका बुरा असर लोगों पर पड़ा हो। किसी एक व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन होने पर भी जनहित याचिका दायर की जा सकती है।

जनहित याचिका कौन व्यक्ति दायर कर सकता है
कोई भी व्यक्ति जो सामाजिक हितों के बारे में सोच रखता हो, वह जनहित याचिका दायर कर सकता है। इसके लिये यह जरूरी नहीं कि उसका व्यक्तिगत हित भी सम्मिलित हो।
जनहित याचिका किसके विरूद्ध दायर की जा सकती है
जनहित याचिका केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, नगर पालिका परिषद और किसी भी सरकारी विभाग के विरूद्ध
दायर की जा सकती है। यह याचिका किसी निजी पक्ष के विरूद्ध दायर नहीं की जा सकती। लेकिन अगर किसी निजी पक्ष या कम्पनी के कारण जनहितों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा हो, तो उस पक्ष या कम्पनी को सरकार के साथ प्रतिवादी के रूप में सम्मिलित किया जा सकता है। उदाहरण के लिये कानपुर में स्थित किसी निजी कारखाने से वातावरण प्रदूषित हो रहा हो, तब जनहित याचिका में निम्नलिखित प्रतिवादी होंगे -
1.            उत्तर प्रदेश राज्य / भारत संघ जो आवश्यक हो अथवा दोनों भी हो सकते है।
2.            राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड और
3.            निजी कारखाना।
जनहित याचिका दायर करने की प्रक्रिया क्या है
जनहित याचिका ठीक उसी प्रकार से दायर की जाती है, जिस प्रकार से रिट (आदेश) याचिका दायर की जाती
है।
उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करने की प्रक्रिया क्या है
उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करने के लिए निम्नलिखित बातों का होना जरूरी है।
प्रत्येक याचिका की एक छाया प्रति होती है। यह छाया प्रति अधिवक्ता के लिये बनाई गई छाया प्रति या अधिवक्ता की छाया प्रति होती है। एक छाया प्रति प्रतिवादी को देनी होती है, और उस छाया प्रति की देय रसीद लेनी होती है। दूसरे चरण में जनहित याचिका की दो छाया प्रति, प्रतिवादी द्वारा प्राप्त की गई देय रसीद के साथ न्यायालय में देनी होती है।

उच्चतम न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करने की प्रक्रिया क्या है
उच्चतम न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करने के लिये याचिका की पाँच छाया प्रति दाखिल करनी होती हैं। प्रतिवादी को याचिका की छाया प्रति सूचना आदेश के पारित होने के बाद ही दी जाती है।

क्या एक साधारण पत्र के जरिये भी जनहित याचिका दायर की जा सकती है
जनहित याचिका एक खत या पत्र के द्वारा भी दायर की जा सकती है लेकिन यह याचिका तभी मान्य होगी जब यह निम्नलिखित व्यक्ति या संस्था द्वारा दायर की गई हो।
1.            व्यथित व्यक्ति द्वारा,
2.            सामाजिक हित की भावना रखने वाले व्यक्ति द्वारा,
3.            उन लोगों के अधिकारों के लिये जो कि गरीबी याकिसी और कारण से न्यायालय के समक्ष न्याय पाने केलिये नहीं आ सकते।
जनहित याचिका दायर होने के बाद न्याय का प्रारूप क्या होता है
जनहित याचिका में न्याय का प्रारूप प्रमुख रूप से दो प्रकार का होता है।
1.            सुनवाई के दौरान दिये गये आदेश, इनमें प्रतिकर,औद्योगिक संस्था को बन्द करने के आदेश, कैदी को जमानत पर छोड़ने के आदेश, आदि होते हैं।
2.            अंतिम आदेश जिसमें सुनवाई के दौरान दिये गए आदेशों एवं निर्देशों को लागू करने व समय सीमा जिसके अन्दर लागू करना होता है।
क्या जनहित याचिका को दायर करने व उसकी सुनवाई के लिये वकील आवश्यक है
जनहित याचिका के लिये वकील होना जरूरी है और राष्ट्रीय/राज्य या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अन्तर्गत सरकार के द्वारा वकील की सेवाएं प्राप्त कराए जाने का भी प्रावधान है।

निम्नलिखित परिस्थितियों में भी जनहित याचिका दायर की जा सकती है
1.            जब गरीबों के न्यूनतम मानव अधिकारों का हनन होरहा हो।
2.            जब कोई सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों की पूर्ति न कर रहा हो।
3.            जब धार्मिक अथवा संविधान में दिये गये मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा हो।
4.            जब कोई कारखाना या औद्योगिक संस्थान वातावरण को प्रदूषित कर रहा हो।
5.            जब सड़क में रोशनी (लाइट) की व्यवस्था न हो, जिससे आने जाने वाले व्यक्तियों को तकलीफ हो।
6.            जब कहीं रात में ऊँची आवाज में गाने बजाने के कारण ध्वनि प्रदूषण हो।
7.            जहां निर्माण करने वाली कम्पनी पेड़ों को काट रही हो, और वातावरण प्रदूषित कर रही हो।
8.            जब राज्य सरकार की अधिक कर लगाने की योजना से गरीब लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़े।
9.            जेल अधिकारियों के खिलाफ जेल सुधार के लिये।
10.         बाल श्रम एवं बंधुआ मजदूरी के खिलाफ।
11.         लैंगिक शोषण से महिलाओं के बचाव के लिये।
12.         उच्च स्तरीय राजनैतिक भ्रष्टाचार एवं अपराध रोकने के लिये।
13.         सड़क एवं नालियों के रखरखाव के लिये।
14.         साम्प्रदायिक एकता बनाए रखने के लिये।
15.         व्यस्त सड़कों से विज्ञापन के बोर्ड हटाने के लिये, ताकि यातायात में कठिनाई न हो।
जनहित याचिका से संबन्धित उच्चतम न्यायालय के कुछ महत्वपूर्ण निर्णय
1.            रूरल लिटिगेशन एण्ड इंटाइटलमेंट केन्द्र बनाम् उत्तर प्रदेश राज्य, और रामशरण बनाम भारत संघ में उच्चतम न्यायालय के कहा कि जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान न्यायालय को प्रक्रिया से संबन्धित औपचारिकताओं में नहीं पड़ना चाहिए।
2.            शीला बनाम भारत संघ में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जनहित याचिका को एक बार दायर करने के बाद वापस नहीं लिया जा सकता।

नोट :- उक्त जानकारी महाशक्ति डॉट ओआरजी से साभार, फिर भी आगे बढ़ने से पहले किसी योग्य कानून विशेषज्ञा की सलाह जरुर लें  



सादर एडमिन

दून जनहित मोर्चा 

Monday, 20 July 2015

तरसेम चौधरी जी का आर्थिक सहयोग हेतु हार्दिक धन्यवाद .................................एडमिन !!

संगठन को आर्थिक सहयोग प्रदान करने हेतु भाई “तरसेम चौधरी जी” का हार्दिक धन्यवाद !!







सादर एडमिन
दून जनहित मोर्चा

“दून जनहित मोर्चा” की दूसरी साधारण बैठक ........................................एडमिन !!

दिनाक 19 जुलाई 2015 दिन रविवार को “दून जनहित मोर्चा” की साधारण बैठक का आयोजन किया गया जिसमे उपस्थित सदस्यों ने क्षेत्र के विकास सम्बन्धी कुछ मुद्दों पर चिन्तन मंथन किया व तय किया क्षेत्र की हर खराब अव्यवस्थित  जगह को चिन्हित करते हुए पत्रचार के माध्यम से विभागों के अधिकारियों को अवगत करवाते हुए संघठन द्वारा उसे सही करवाने की लगातार मांग की जायेगी और ये शिकायत लेखन तब तक जारी रहेगा जब तक समस्या पर कोई प्रारम्भिक एक्शन नहीं ले लिया जाता और दुसरा सदयों ने ये भी तय किया की की सोश्यल मीडिया पर चलाए जा रहे व्हाट्स अप ग्रुप को सुचारू रूप से चलाने हेतु  कुछ नियम और मर्यादा तय की जाय जैसे की ग्रुप की मर्यादा हो की इसमें व्यक्ति विशेष के नाम पर कोई चर्चा ना हो क्यूंकि हमारी लड़ाई सिस्टम की खराबी से है और हमें सिस्टम को सुधारने हेतु संघर्ष करना है इसलिए ग्रुप में बीबीएन के हर तरह के विकास और विकास की बात होगी, किसी व्यक्ति की पोस्ट को खाली जानकारी के रूप में लिया जा ना की उस पर आपतिजनक टिप्पणियाँ की जाएँ , और ग्रुप में केवल सूचना सम्बन्धी पोस्ट डाली जाए चर्चा बंद कर दी जाए , क्यूंकि बहुत से सदस्य जो हमारे साथ जुड़े हैं उनको हमारे लगातार मिल रहे मेसेज से परेशान न होना पड़े
ये सब तय होने के पश्चात आज हमने अपने समूह के सभी समाननीय  सदस्यों के नंबर पर निम्नलिखित सन्देश भेज कर पूछा :-
महोदय आपसे विनम्रता पूर्वक पूछना चाहूँगा की आपको अपने ग्रुप पर चलने वाली कन्वर्सेशन से मिलने वाले ढेरों मेसेज से परेशानी तो नहीं हो रही , और अगर हो रही हो तो बेहिचक आप हमें बताएं हम इस कन्वर्सेशन को बंद कर इस ग्रुप का इस्तेमाल सिर्फ अपने संगठन की गतिविधियों की सूचना आप तक पहुंचाने हेतु प्रयोग में लायेंगे जिससे आपको परेशानी न हो , महोदय हमें आपकी परवाह है हमें आपके साथ की जरुरत है और हम चाहते हैं की आप हमारे ग्रुप में बने रहें हमें अपना अपनी क्षमता के अनुसार सहयोग देते रहें इसलिए आपसे
आग्रह किया जाता है की उपरोक्त विषय पर आपका क्या सुझाव है हमें जरुर बताएं ? क्या ये कन्वर्सेशन ऐसी ही चलती रहनी चाहिए या उपरोक्त अनुसार व्यवस्थित कर दिया जाए , कृपया अपने कीमती सुझाव ग्रुप एडमिन के नंबर 9817207272 पर भेजें  
 हमारी सोच की ग्रुप में केवल निन्मलिखित समाग्री पोस्ट की जायेगी :-
1.   BBN क्षेत्र की किसी भी तरह की समाजिक समस्या (निजी नहीं) तथा उसके निवारण हेतु सुझाव
2.   BBN के विकास से सम्बंधित चुनिदा समाचार (विभिन्न अखबारों) की कटिंग
3.   अपने प्रतिष्ठित सदस्यों को अपनी गतिविधियों के बारे में सूचना

सादर
एडमिन
दून जनहित मोर्चा (बीबीएन)   

तो 80 में से केवल 1 ने कहा की हाँ चर्चा बंद हो केवल अति जरुरी हो तो मेसेज भेजा जाय, और 2 बाकी प्रबुद्ध सहयोगियों ने 50-50 में राय दी बाकी जायदातर जो जबाब आये वो कहते नहीं हमें कोई समस्या नहीं ग्रुप में डिस्कशन ऐसे ही जारी रहनी चाहिए , बस मर्यादा जैसे तय की है वही रहे, हमारी भाषा का स्तर उच्च गुणवत्ता युक्त हो एक दुसरे के प्रति आदर का भाव हो , तो मित्रो हमने तय किया हमारे आदर योग्य सभी सदस्यों के आदर भाव को देखते हुए उनकी इच्छा के साथ चलने का निर्णय किया , और अब ये ग्रुप ऐसे ही चलता रहेगा जैसे अभी चल रहा है , फिर भी एडमिन की और से समय समय पर संकेतात्मक पोस्ट डाली जाती रहेंगी जिनपर आपकी साकारात्मक टिप्पणियों का सहयोग जरुरी होगा

आभार
एडमिन

दून जनहित मोर्चा (बीबीएन)    

Saturday, 18 July 2015

आओ अपने नौकरों से कुछ सवाल पूछें ..........................एडमिन !!

मित्रो सप्रेम नमस्कार ।
हर राज्य सरकार का प्राथमिक कर्तब्य और जिम्मेवारी होती है की वो अपने राज्य के सभी नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं समभाव यानि बिना किसी भेदभाव के उपलब्द करवाए । और उस राज्य सरकार द्वारा अपने नागरिकों को उपलब्द करवाई जाने वाली सभी सेवाओं की गुणवत्ता भी उच्च दर्जे की हो इसके लिए सरकारों ने नागरिक सेवा सुरक्षा जैसी पालिसीज भी बनाई है जिनके चलते आम नागरिक अपनी सरकार द्वरा प्रदान की जा रही सेवाओं  में किसी प्रकार की खामी या त्रुटी पाता है तो उसे पूरा हक़ है की वो सरकार द्वारा जनता के पैसे से जनता के लिए उपलब्द करवाए गए विभिन्न विभागों के अंदर आफिसरों से उस सेवा की गुणवत्ता को लेकर सवाल पूछ सके। मगर लोगों को अपनी अज्ञानता के कारण अपनी शक्ति का आभास नहीं है जिस कारण वो अपने नौकरों को अपना मालिक समझने की बहुत बड़ी भूल कर जाते हैं और जनता के पैसे से सहुलतें प्राप्त करने वाले वही नौकर उल्टा अपने मालिक (जनता) को ही आँखे दिखाकर उनके संबेधानिक व् मौलिक अधिकारों का हनन करते हैं और जनता चुप चाप हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है और हमें यहाँ हर तीसरा आदमी ये कहते हुए की जनाब छोटे /गरीब लोगों की कौन सुनता है यहाँ तो बड़े बड़े पैसे वाले और नेता लोगों की सुनी जाती है ।
 तो मैं संजय राणा आप सभी मित्रों को विश्वास दिलाता हूँ की नहीं दोस्तों ऐसा नहीं है वो सिर्फ इसीलिए होता है की बड़े लोग हमेशा जरुरत पड़ने पर अपने साथ 5-7 लोगों को अपने साथ इक्कठा करने का मादा रखते हैं फिर चाहे हो पैसे से लायें या अपने रसूख के बल पर । मगर हम छोटे लोग जब तक किसी के अत्याचार या गहरे शोषण का शिकार नहीं हो जाते तब तक ना तो किसी से जुड़ते हैं ना किसी को अपने साथ जोड़ने की काबलियत रखते हैं और अकेले अकेले पड़े रहते हैं जब हम पूरी तरह लुट जाते हैं टूट जाते हैं फिर हम दर दर लोगो के पास मदद की गुहार लगाते हैं । तो मित्रो इतनी बात समझ लो अपने दिमाग की बत्ती को जला लो की थोड़ी सी समझदारी से हम भी समाज में अपनी मिटी हुई या लुप्त होती प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त कर चैन से जिन्दगी जी सकते हैं , आओ संगठित हो जाएँ एक मंच पर जिसका ना कोई राजनैतिक एजेंडा है ना कोई निजी स्वार्थ , बस वो तो एक बदलाव चाहता है जिसमे अपने लोगों को हर वो सुख नसीब हो जो हमारे राज को हमने दिलाया हुआ है ।
क्यूँ दोस्तों आया कुछ समझ में ?  अगर पढने के बाद दिमाग में सवाल उठे की कैसे ??
तो हमारे समाजिक संगठन “दून जनहित मोर्चा” के साथ जुड़े और पायें बेहतर बदलाव अपने सुखमय भविष्य के लिए ।
आपको हौंसला मिलेगा क्यूंकि आपके साथ कई प्रबुद्ध जागरूक इमानदार मित्रों का साथ रहेगा । तो अब तयार हो जाईये अपने नौकरों से सवाल पूछने की हिम्मत करें और निचे दिए नम्बर पर अधिकारी से बात करें अपनी समस्या के बारे में उससे सवाल करें ? और जबाब मांगे ।
नोट :- मैंने ऊपर सरकार के अधिकारियों को नौकर लिखा है लोकतंत्र के हिसास से बात तो सही है की जनता मालिक और सरकारी बाबू नौकर मगर हमारे भारतीयों के संस्कार ऐसे की अपने नौकरों को भी सम्मान देते हैं, और उनसे बात करते वक्त अपनी भाषा में मर्यादा बनाए रखें और हमेशा अधिकारी से वही भाषा बोले जो सुनने में सभ्य और शील हो

दून जनहित मोर्चा
बीबीएन को समस्या मुक्त करने का एक प्रयास
(अब जागो-सब जागो)