मित्रो सप्रेम नमस्कार ।
हर राज्य सरकार का प्राथमिक कर्तब्य और जिम्मेवारी होती है की वो अपने राज्य के सभी नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं समभाव यानि बिना किसी भेदभाव के उपलब्द करवाए । और उस राज्य सरकार द्वारा अपने नागरिकों को उपलब्द करवाई जाने वाली सभी सेवाओं की गुणवत्ता भी उच्च दर्जे की हो इसके लिए सरकारों ने नागरिक सेवा सुरक्षा जैसी पालिसीज भी बनाई है जिनके चलते आम नागरिक अपनी सरकार द्वरा प्रदान की जा रही सेवाओं में किसी प्रकार की खामी या त्रुटी पाता है तो उसे पूरा हक़ है की वो सरकार द्वारा जनता के पैसे से जनता के लिए उपलब्द करवाए गए विभिन्न विभागों के अंदर आफिसरों से उस सेवा की गुणवत्ता को लेकर सवाल पूछ सके। मगर लोगों को अपनी अज्ञानता के कारण अपनी शक्ति का आभास नहीं है जिस कारण वो अपने नौकरों को अपना मालिक समझने की बहुत बड़ी भूल कर जाते हैं और जनता के पैसे से सहुलतें प्राप्त करने वाले वही नौकर उल्टा अपने मालिक (जनता) को ही आँखे दिखाकर उनके संबेधानिक व् मौलिक अधिकारों का हनन करते हैं और जनता चुप चाप हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है और हमें यहाँ हर तीसरा आदमी ये कहते हुए की जनाब छोटे /गरीब लोगों की कौन सुनता है यहाँ तो बड़े बड़े पैसे वाले और नेता लोगों की सुनी जाती है ।
तो मैं संजय राणा आप सभी मित्रों को विश्वास दिलाता हूँ की नहीं दोस्तों ऐसा नहीं है वो सिर्फ इसीलिए होता है की बड़े लोग हमेशा जरुरत पड़ने पर अपने साथ 5-7 लोगों को अपने साथ इक्कठा करने का मादा रखते हैं फिर चाहे हो पैसे से लायें या अपने रसूख के बल पर । मगर हम छोटे लोग जब तक किसी के अत्याचार या गहरे शोषण का शिकार नहीं हो जाते तब तक ना तो किसी से जुड़ते हैं ना किसी को अपने साथ जोड़ने की काबलियत रखते हैं और अकेले अकेले पड़े रहते हैं जब हम पूरी तरह लुट जाते हैं टूट जाते हैं फिर हम दर दर लोगो के पास मदद की गुहार लगाते हैं । तो मित्रो इतनी बात समझ लो अपने दिमाग की बत्ती को जला लो की थोड़ी सी समझदारी से हम भी समाज में अपनी मिटी हुई या लुप्त होती प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त कर चैन से जिन्दगी जी सकते हैं , आओ संगठित हो जाएँ एक मंच पर जिसका ना कोई राजनैतिक एजेंडा है ना कोई निजी स्वार्थ , बस वो तो एक बदलाव चाहता है जिसमे अपने लोगों को हर वो सुख नसीब हो जो हमारे राज को हमने दिलाया हुआ है ।
क्यूँ दोस्तों आया कुछ समझ में ? अगर पढने के बाद दिमाग में सवाल उठे की कैसे ??
तो हमारे समाजिक संगठन “दून जनहित मोर्चा” के साथ जुड़े और पायें बेहतर बदलाव अपने सुखमय भविष्य के लिए ।
आपको हौंसला मिलेगा क्यूंकि आपके साथ कई प्रबुद्ध जागरूक इमानदार मित्रों का साथ रहेगा । तो अब तयार हो जाईये अपने नौकरों से सवाल पूछने की हिम्मत करें और निचे दिए नम्बर पर अधिकारी से बात करें अपनी समस्या के बारे में उससे सवाल करें ? और जबाब मांगे ।
नोट :- मैंने ऊपर सरकार के अधिकारियों को नौकर लिखा है लोकतंत्र के हिसास से बात तो सही है की जनता मालिक और सरकारी बाबू नौकर मगर हमारे भारतीयों के संस्कार ऐसे की अपने नौकरों को भी सम्मान देते हैं, और उनसे बात करते वक्त अपनी भाषा में मर्यादा बनाए रखें और हमेशा अधिकारी से वही भाषा बोले जो सुनने में सभ्य और शील हो
दून जनहित मोर्चा
बीबीएन को समस्या मुक्त करने का एक प्रयास
(अब जागो-सब जागो)
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