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।। “डा० एपीजे अब्दुल कलाम” 83 वर्ष जीवन यात्रा के 15-10-1931 से 27-07-2015 ।।
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एक बार फिर से 27 / 7 तारीख
और महीने का संयोग भारत के लिए दुःख के बादल लेकर आया जैसे ही कार्यालय पहुंचा तो
अंतर्जाल के माद्यम से पंजाब के गुरदासपुर दीनानगर पुलिस थाणे में आतंकवादियों के
हमले की जानकारी मिली । इसके पश्चात फिर मीडिया और सोशियल मीडिया पर तो
पल पल की ख़बरों के अपडेट की बाढ़ सी आ गई । लोग व्हाट्सप और फेसबुक पर भीषण हादसे की दरदनाक
लाईव तस्वीरें अपलोड कर हादसे में मरने वालों की
दिवंगत आत्मा की शांति प्रार्थना के साथ साथ पंजाब पुलिस के शहीद जवानो को श्रधान्जली
अर्पित करते दिखे ।
जहाँ पूरा दिन भारतीय
सेना के लिए लिए संघर्ष भरा बीता वहीँ गुरदासपुर-दीनानगर, पठानकोट समेत सभी हाई अलर्ट
स्थानों पर स्थानीय लोगों में एक चिंता भरा रहा होगा । दिन बीतने के पश्चात शाम ढलते हुए सेना और पंजाब
पुलिस के सफल आपरेशन होने की राहत भरी सूचना मिली तो एक तरफ जहाँ आतंकवादियों को
मार गिराने की ख़ुशी थी तो दूसरी और आँखों में अपने देश के पुलिस अधीक्षक और जवानो के
साथ साथ बेक़सूर मासूमो को खोने का गम भी । इस हादसे से तमाम देश वासी शायद ही अभी उभरने की सोच
ही रहे होंगे की कुदरत का एक और तूफानी कहर भारत माँ के मिसाईल मैन “डा० एपीजे अब्दुल कलाम” की दुखद मृत्यु की खबर
लेकर आया । टीवी चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज चल
रही थी की डा० कलाम साहब अब नहीं रहे । उस समय मेरे समेत बहुत से ऐसे भारतीय भाई रहे होंगे जिन्हें
अपने पाँव तले जमीन खिसकती लगी हो । और मन से उस समय एक ही ख्याल शब्द बनकर जुबान पर
आया भगवान् कलाम साहब की पवित्र आत्मा को शान्ति प्रदान करें । विस्तार से जब ख़बरें सुनने के पश्चात पता चला की
वो शिलोंग के एक इन्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मनेजमेंट में एक लेक्चर देनें पहुंचे थे
मगर बीच लेक्चर में ही वो बेहोश होकर गिर पड़े उन्हें वहां अस्पताल ले जाया गया और
डाक्टरों की टीम ने करीब पौने घंटे की मशक्कत की मगर वो माँ भारती के इस महान
विज्ञानिक को बचा नहीं पाए । जो भी हो मगर मौजूदा स्थिति में “डा० एपीजे अब्दुल कलाम” साहब की भरपाई सदियों तक पूरी होती दिखाई नहीं
दे रही, क्यूंकि उनका व्यक्तितव सरल स्वभाव और राष्ट्र प्रेम अतुलनीय था ।
कोई
उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जानता है तो कोई पूर्व राष्ट्रपति,
परन्तु सबसे अधिक लोग उन्हें उनके सीधे साधे चरित्र, असाधारण लगन और कर्म के प्रति समर्पण के लिए जानते हैं ।
वो ईमानदार लोगो के आदर्श बने और
युवाओं की प्रेरणा !
हमारे आदर्श क्या हैं, हम
क्या चाहते हैं, जीवन लक्ष्य क्या हैं? ये इस बात से तय नही होते कि आप क्या कर रहे हैं, बल्कि इससे तय होता है कि आप क्या कर सकते है । सपने देखना बुरा नही है और
खास कर अगर वो सपने आपके जीवन लक्ष्य हो तब । मगर ऐसे सपने सिर्फ सोने पे ही आते हैं और जागने पे खत्म हो जाते
हैं…
कलाम
साहब का जीवन भी एक सपना है । एक ऐसे इंसान का,
जिसने भरोसा किया खुद पर, अपने देश पर,
अपनी टीम पर, अपनी सामर्थ्य पर । सपना, देश को महाशक्ति बनाने का,
आत्मनिर्भर बनाने का, विकसित बनाने का । ये हमें भरोसा देता है खुद
पर विश्वास करने का करने का ।
कलाम साहब के कुछ शब्द जो हमें हमेशा प्रेरणा मार्गदर्शन देते रहेंगे :-
कलाम साहब के कुछ शब्द जो हमें हमेशा प्रेरणा मार्गदर्शन देते रहेंगे :-
1. सपने सच हों इसके लिए पहले सपने देखना जरूरी है ।
2. अलग ढंग से सोचने का
साहस करो, आविष्कार का साहस करो, अज्ञात पथ पर चलने का साहस करो, असंभव को
खोजने का साहस करो और समस्याओं को जीतो और सफल बनो. ये वो महान गुण हैं जिनकी दिशा
में तुम अवश्य काम करो ।
3. जब हम बाधाओं का सामना
करते हैं तो हम पाते हैं कि हमारे भीतर साहस और लचीलापन मौजूद है जिसकी हमें स्वयं
जानकारी नहीं थी. और यह तभी सामने आता है जब हम असफल होते हैं. जरूरत हैं कि हम
इन्हें तलाशें और जीवन में सफल बनें ।
4. अगर एक देश को
भ्रष्टाचार मुक्त होना है तो मैं यह महसूस करता हूं कि हमारे समाज में तीन ऐसे लोग
हैं जो ऐसा कर सकते हैं. ये हैं पिता, माता और शिक्षक ।
5. हम अपना आज कुर्बान
करते हैं जिससे हमारे बच्चों को बेहतर कल मिले ।
। । अंत में करोड़ों युवाओं के प्रेरणा
स्त्रोत मिसाईल मैन “डा० एपीजे अब्दुल
कलाम” को सामाजिक मंच